Computer को उसके कार्य करने के सिन्धांत (Principle of Operation) के अनुसार निम्न भागों मे बाटा गया है:-
ये भौतिक मात्राओं (जैसे वोल्टेज, धारा, यांत्रिक विस्थापन) में निरंतर बदलावों का उपयोग करके गणना करते हैं।
इनका उपयोग मुख्य रूप से भौतिक घटनाओं (जैसे तापमान, दबाव, गति) का मापन और विश्लेषण करने के लिए किया जाता है।
एनालॉग कंप्यूटर तेज़ और सस्ते होते हैं, लेकिन कम सटीक होते हैं।
उदाहरण: थर्मामीटर, स्पीडोमीटर, कैलकुलेटर
ये 0 और 1 के द्विआधारी अंकों (binary digits) का उपयोग करके गणना करते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर बहुमुखी होते हैं और इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि डेटा संग्रह, गणना, विश्लेषण, संचार, और मनोरंजन।
डिजिटल कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर की तुलना में महंगे होते हैं, लेकिन अधिक सटीक होते हैं।
उदाहरण: लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट
ये एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की विशेषताओं को मिलाते हैं।
इनका उपयोग उन कार्यों के लिए किया जाता है जिनके लिए तेज़ी और सटीकता दोनों की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: चिकित्सा इमेजिंग उपकरण, औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली
निष्कर्ष:
कंप्यूटर का प्रकार उसके उपयोग और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। एनालॉग कंप्यूटर तेज़ और सस्ते होते हैं, लेकिन कम सटीक होते हैं। डिजिटल कंप्यूटर बहुमुखी और अधिक सटीक होते हैं, लेकिन महंगे होते हैं। हाइब्रिड कंप्यूटर गति और सटीकता दोनों प्रदान करते हैं, लेकिन इनका उपयोग सीमित कार्यों के लिए किया जाता है।
आकार (Size) और क्षमता (Capacity) के अनुसार डिजिटल कंप्यूटर को चार भागों मे बांटा गया है :-
कंप्यूटर प्रणालियों मे सबसे छोटे प्रणाली को Micro Computer कहते है| बाहरी उपकरणों (External Device) के रूप में, Micro Computer से टर्मिनल, प्रिंटर (Printer) आदि जुड़े होते है| Micro Computer का प्रयोग छोटे व्यवसायों द्वारा भी किया जाता है , इनका उपयोग व्यक्तिगत होने के कारण इनको Personal Computer भी कहते है| Micro Computer अभी सबसे अधिक प्रचलन में है|
एक Micro Computer में सी.पी.यू. (CPU- Central Processing Unit) के सारे भाग एक मुख्य सर्किट बोर्ड (Circuit board) पर लगे होते है, जिसे (Mohterbaord) कहा जाता है इसका प्रमुख भाग माइक्रोप्रोसेसर (MicroProcessor) होता है, एक Microprocessor में विभिन्न सर्किट के साथ कुछ स्मृति स्थान (Memory Slot) भी होते हैं जिन्हें रजिस्टर (Register) कहा जाता है|
Micro Computer को Size के दृष्टीकोण से निम्न भागों मे रखा गया है-
ये कंप्यूटर मैनफ्रेम कंप्यूटर की तरह ही Data Process करते है ,परन्तु अपेक्षाकृत कम परिणाम या मात्रा में| Mini Computer मूल्य मे अपेक्षाकृत कम होते है, इनकी क्षमता Micro Computer से अधिक और Mainframe से कम होती है |
Mainframe भी एक बड़ी Computer System है| एक Mainframe Computer अपने साथ एक हजार से भी अधिक दूरस्थ वर्कस्टेशन को जोड़ सकता है| इन Computer की गति को MIPS (Million Instrucations Per Second) में मापा जाता है| इनका उपयोग बड़े व्यावसायिक संगठनों जैसे– बैंकों और विश्व-विद्यालयों आदि मे किया जाता है| मेनफ्रेम कंप्यूटर बनाने वाली मुख्य कम्पनी हैं– IBM, NCR, CDS इत्यादि|
एक Super Computer मे एक से अधिक CPU (Central Processing Unit) होते है | जो समानांतर कार्य करते है, इनकी कार्य गति फ्लॉप (Flops-Floating Point operations per second मे मापी जाती है|
अत्याधुनिक Super Computer कि गति एक Tera Flops हो सकती है| आज के समय में Super Computer बनाने वाली कपनियां है– CRAY, CDS तथा NEC| Super Computer का प्रयोग उच्च-गणना आधारित कार्यो में किया जाता है, उदाहरण के रूप में- मौसम की भविष्यवाणी , जलवायु शोध, अणु मॉडलिंग इत्यादि| सैन्य और वैज्ञानिक एजेंसिया इसका काफी उपयोग करती है|
भारत के प्रमुख सुपर कंप्यूटर है- ऐरावत (AIRAWAT), परम सिद्धि (PARAM Siddhi), प्रत्यूष (Pratyush) और मिहिर (Mihir)।